इनपुट तथा आउटपुट डिवाइस को उदाहरण सहित समझाइए-हिंदी में 'Tech Computer Guide'

दोस्तों आपको बता दे की कंप्यूटर को चलाने के लिए दो तरह के डिवाइसेज की आवश्यकता पड़ती है। जिसमे से पहला Input डिवाइस तथा दूसरा Output डिवाइस होता हैं। जिनकी मदद से हम अपने कंप्यूटर पर आसानी से कोई भी कार्य को कर पाते है और साथ ही ये डिवाइस किसी भी कंप्यूटर को यूजर से Connect होने में तथा Computer को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। 

इनपुट डिवाइस क्या है/ (Input Device Kya Hai Hindi Mein)

जब हम कंप्यूटर को किसी भी कार्य को करने के लिए आदेश निर्देश, कमांड देते हैं। तो जिन डिवाइसेज की मदद से कंप्यूटर को आदेश या निर्देश देते हैं उन्हें इनपुट डिवाइसेज कहते हैं। जैसे - माउस एक कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस है जिसकी वजह से किसी भी कार्य को करने के लिए माउस का उपयोग करते हैं। कीबोर्ड एक कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस है जिसकी वजह से कंप्यूटर को कोई भी कमांड देते हैं। ऐसे ही और भी कई इनपुट डिवाइस के उदाहरण है जो की नीचे दिए गए इस लेख में स्टेप बाय स्टेप विस्तार रूप से बताया गया है। इस लिए इस लेख को आप अंत तक जरूर पढ़ें।

Input Device की परिभाषा :-

इनपुट डिवाइस एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर में डाटा को Inter कर सकते हैं। "इनपुट डिवाइस वे डिवाइस होती है जिनके द्वारा हम कंप्यूटर में Data, Information निर्देश या Command कंप्यूटर में देते हैं या इनपुट करते हैं। उसे इनपुट डिवाइस कहते हैं।"

इनपुट डिवाइस के उदाहरण हिंदी में:

  • कीबोर्ड - (Keybord)
  • माउस - (Mouse)
  • ट्रैकबॉल - (Trackboll)
  • टच स्क्रीन - (Touch Screen) 
  • स्कैनर - (Scanner)
  • लाइट पेन - (Light Pen)
  • जॉयस्टिक - (Joystick)
  • माइक - (Mic)
  • टच पैड - (Touch Pad)
  • डिजिटाइजर - (Digitiser)
  • बारकोड रीडर - (MICR)
  • ऑप्टिकल मार्क रीडर - (OMR)
  • डिजिटल कैमरा - (Digital Camara)

कीबोर्ड - (Keyboard) :-

कीबोर्ड कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग होता है जो की एक इनपुट डिवाइस होता है। कीबोर्ड का उपयोग इनपुट Text जैसे - Letters (A,B,C,D A to Z), Number (1,2,3, 0 to 9), Character (:,#,<,=,> आदि), Command (निर्देश) आदि को कंप्यूटर में देने के लिए किया जाता हैं। यह एक Peripheral डिवाइस होता हैं जो की टाइपराइटर के सिद्धांत पर कार्य करता है।

दोस्तो आपको बता दें कि पहले के कीबोर्ड में 84 Keys होती थी लेकिन उसे बढ़कर अब एक सामान्य Keyboard में 102 keys होती है जबकि अन्य keyboard में 104 keys होती हैं। जिसे Standard Keyboard कहा जाता हैं। परंतु यह Keyboard के Layout पर निर्भर करता है। दोस्तो मुझे आशा है कि आप इतना तो जानते ही होंगे की Keyboard की बटन को मुख्य रूप से चार भागों में बाटा गया है। जो की इस प्रकार हैं - 
  • Function Keys
  • Nemuric Keys
  • Alphabet Keys
  • Arrow Keys 
  • Special Keys
  • Punctuation Keys 

माउस - (Mouse) :-

माउस कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है जो की एक Input डिवाइस होता हैं। Mouse कंप्यूटर के स्क्रीन प्वाइंटर या कर्जर को कंट्रोल करने का कार्य करता है। इस Pointer के मध्यम से हम कंप्यूटर में कोई भी फाइल्स, फोल्डर वा अन्य दूसरे सभी आइटम को खोलने (Open) बंद (Close) करने और एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वा उनकी जानकारी लेने के लिए उपयोग करते हैं। इन सभी कार्यों को करने की वजह से इसे Pointing Device भी कहा जाता हैं। कोई भी यूजर माउस का इस्तेमाल करके कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देता है की कंप्यूटर को क्या कार्य करना है। इसलिए यह डिवाइस यूजर और कंप्यूटर के बीच Interface का कार्य करता है।

दोस्तो आपको बता दें की हर एक Mouse में कम से कम दो बटन तो जरूर होती हैं। Left Button, Right Button और बीच में एक Scroll Button पाई जाती हैं। जब हम माउस में लेफ्ट बटन को दबाते हैं तो इसे लेफ्ट क्लिक और जब राइट बटन दबाते हैं तो इसे राइट क्लिक कहते हैं। यह GUI (Graphical User Interface) में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली Device हैं।

ट्रैकबॉल - (Trackboll) : 

दोस्तों आपको बता दें कि ट्रैकबॉल माउस की तरह ही दिखाने वाला एक इनपुट डिवाइस है। जिसका उपयोग Mouse की तरह कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्जर (Cursor) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता हैं। इसमें एक उभरी (बाहर निकली) हुई गेंद होती हैं तथा कुछ बटन होती है। सामान्यतः इसे पढ़ते समय गेंद पर हमारा अंगूठा होता है और उंगलियां उसकी बटन पर होती हैं। कंप्यूटर स्क्रीन पर प्वाइंटर को घुमाने के लिए अंगूठे से उस गेंद को घुमाते हैं। अतः इस डिवाइस को माउस की तरह घुमाने (Move) की आवश्यकता नहीं होती है। 

ट्रैकबॉल का उपयोग ज्यादातर कंप्यूटर में गेम खेलने के लिए किया जाता है और अन्य कई चीजों में इसका प्रयोग किया जाता है जैसे - Self Serve, Mixing Bords, Arcade Games में किया जाता हैं।

टच स्क्रीन - (Touch Screen) :

आज के समय में टच स्क्रीन का उपयोग बहुत अधिक होता है क्योंकि वर्तमान में हर एक व्यक्ति के पास टच मोबाइल होता हैं। टच स्क्रीन एक इनपुट डिवाइस होता है इसमें एक प्रकार की Display होती है जिसकी सहायता से यूजर किसी प्वाइंटिग डिवाइस की वजह से अपनी उंगलियों को स्क्रीन पर रखकर Menu या किसी Object का चयन करता है। किसी यूजर को कंप्यूटर की बहुत अधिक जानकारी न हो तब भी यूजर इसे सरलता से प्रयोग कर सकता हैं। 

टच स्क्रीन का उपयोग आज कल निम्न जगहों पर बहुत अधिक किया जाता हैं। जैसे - रेलवे स्टेशन, सोपिंग मोल, अस्पताल और एटीएम (ATM) आदि में होने लगा है।

स्कैनर - (Scanner) :

दोस्तों आपको बता दे की स्कैनर एक इनपुट डिवाइस होता है जो की हार्ड कॉपी में छपी सूचनाओं एवं डाटा को स्कैन करता है और उसे Digital Copy या Soft Copy में परवर्तित करता है और कंप्यूटर में इसे इनपुट करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है की सूचनाओं वा डाटा को हमे टाइप (Type) करने की आवश्कता नहीं होती है।

दोस्तो आपको जानकारी की बात बता दें कि दुनिया का सबसे पहला Scanner सन 1957 में Russell Kirsh (रसेल किर्श) के नृतत्व में उनकी टीम अमेरिका के राष्ट्रीय ब्यूरो में बनाया गया था।

जॉयस्टिक - (Joystick) :

दोस्तों आप में से बहुत से लोग गेम के शौकीन होंगे। यदि आप गेम के शौकीन हैं तो आप Joystick के बारे में जरूर जानते होंगे। जॉयस्टीक का उपयोग कंप्यूटर में वीडियो गेम वा गेम खलने के  लिए किया जाता हैं। वैसे तो Computer के सारे गेम keyboard की मदद से खेला जा सकता है परंतु कुछ गेम ऐसे होते है जो की तेज गति से खेले जाते है और उस गेम को खेलने में हम अपने आप को सुविधाजनक महसूस नहीं करते हैं। एसलिए Joystick 🕹️ का उपयोग किया जाता हैं। जिसकी मदद से वीडियो गेम या कोई भी गेम खेलने में आसानी वा अपने आप को सुविधाजनक महसूस करते हैं।

जॉयस्टिक में अलग अलग प्रकार की बटन पाई जाती हैं जिससे कंप्यूटर को अलग-अलग Command देते हैं Joy Stick के नीचे पोटेंशियोमीटर लगा होता है जिसकी मदद से इसमें Movement होता है। इसी पोटेंशियोमीटर के कारण स्टिक वापस अपनी जगह पर आती हैं।

लाइट पेन - (Light Pen) : 

लाइट पेन कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस होता है जो कंप्यूटर में माउस की तरह ही काम में लाई जाती हैं। लाइट पेन को Pointer Device भी कहा जाता हैं। लाइट पेन को कंप्यूटर की स्क्रीन के ऊपर से चलाते हैं, Light Pen की मदद से Computer में किसी भी Icon पर क्लिक कर सकते हैं और Open कर सकते है। यह Inter और Ok की तरह ही कार्य करता है। लाइट पेन किसी भी Text को Edit करने के काम भी आता है। यह डिवाइस बिल्कुल 🖋️ पेन की तरह ही दिखती हैं अर्थात यह एक इलेक्ट्रॉनिक पेन होती हैं। इस पेन की निप से प्रकाश की तरंगे निकलती हैं। लाइट पेन की मदद से कंप्यूटर पर लिखा जा सकता हैं।

Light Pen के अविष्कार का श्रेय Ben Gurly को जाता हैं क्योंकि इन्होंने ही सन 1959 ई में माउस का Idea लेकर Light Pen का अविष्कार किया था।

टच पैड - (Touch Pad) :

लैपटॉप में टच पैड एक छोटा फ्लेट सर्फेस होता हैं जिस पर यूजर अपनी फिंगर को मूव करता है। जैसे-जैसे यूजर अपनी फिंगर को सर्फेस पर मूव करता रहता हैं उसी तरह लैपटॉप की स्क्रीन के ऊपर Cursor भी मूव होता है। आसान भाषा में हम कह सकते है कि टच पैड की मदद से लैपटॉप की स्क्रीन के ऊपर Cursor को कंट्रोल किया जा सकता हैं। Laptop में टच पैड का उपयोग अधिकतर किया जाता हैं। टच पैड को ट्रैक पैड के नाम से भी जाना जाता हैं।

टच पैड माउस की तरह ही कार्य करता है जिस प्रकार माउस की मदद से Cursor को Rotate करते रहते हैं ठीक उसी प्रकार Touch Pad की मदद से भी Cursor को Rotate करते रहते हैं। दोस्तो मुझे आशा है कि आपको टच पैड समझ में आ गया होगा अन्यथा आप Comment के माध्यम से पूछ सकते है।

डिजिटाइजर - (Digitiser) :

Digitizer एक इनपुट डिवाइस होता है। जिसे स्टाइलस या पक से कनेक्ट किया जाता हैं। स्टाइलस एक पेन की तरह डिवाइस होती हैं जिसका उपयोग डिजिटाइजर पर ग्राफ, मैप या इमेज बनाने के लिए किया जाता हैं। डिजिटाइजर एनालॉग सिंगनल को इलेक्ट्रिकल सिंगनल में Convert करके उसे PC में भेजता है। डिजिटाइजर को Graphic Tablets भी कहा जाता हैं।

बारकोड रीडर - (MICR) :

बारकोड रीडर कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस होता है। Bar Code Reader का उपयोग Product के ऊपर छपे हुए बार कोड को पढ़ने के लिए किया जाता हैं। एक बार कोड में किसी वस्तु की Prize (मूल्य), Expiry date (समाप्त तिथि), Menu Facture (उत्पादक), Product No. (उत्पादक संख्या), आदि की जानकारी होती हैं।

Barcode में कुछ अनेक प्रकार के मोटी और पतली लाइन होती हैं। जिसमे प्रोडक्ट की Details छुपी होती है। बारकोड रीडर की मदद से जब इसे Scan किया जाता हैं तो बारकोड रीडर की डिटेल्स कंप्यूटर स्क्रीन में Output के रूप मे Display करता है। बारकोड रीडर का अविष्कार सन 1971 में George J Laurer ने किया था।

आउटपुट डिवाइस क्या है - (What is Output Device in Hindi) :

जब हम कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस के माध्यम से डाटा इनफार्मेशन या कमांड को इनपुट करते हैं तो सीपीयू में प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त परिणामों को आउटपुट डिवाइस कहते हैं जिन डिवाइस के माध्यम से उस परिणाम को प्राप्त करते हैं उन्हें आउटपुट डिवाइस कहते हैं आउटपुट डिवाइस वे डिवाइस होती है जिसका प्रयोग कंप्यूटर में प्रोसेसिंग के बाद इसके परिणाम को प्राप्त करने के लिए या देखने के लिए करते है।

आउटपुट डिवाइस को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है।

(a) सॉफ्ट कॉपी आउटपुट डिवाइस
(b) हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस

(a) सॉफ्ट कॉपी आउटपुट डिवाइस क्या है:

सॉफ्ट कॉपी आउटपुट डिवाइस से आउटपुट डिजिटल के रूप में प्राप्त होता है। जिसे Soft Copy कहा जाता हैं। सॉफ्ट कॉपी के रूप में आउटपुट प्राप्त करने के लिए उचित कंप्यूटर डिवाइस और सॉफ्टवेयर की आवश्कता होती हैं। इसके द्वारा प्राप्त किया गया Output अस्थाई होता है। जिसे हम छू वा महसूस नहीं कर सकते है। सॉफ्ट कॉपी आउटपुट डिवाइस के निम्न उदाहरण है । जैसे - Monitor और Speaker सॉफ्ट कॉपी का सबसे अच्छा उदाहरण हैं।

(b) हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस क्या है:

हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस से आउटपुट पेपर के रूप में प्राप्त होता है। जिसे Hord Copy कहते हैं। Hardware Copy को छू भी सकते है और महसूस भी कर सकते है और दुसरो को दिखाने के लिए भी ले जा सकते है। इससे प्राप्त Output स्थायी होता है। हार्ड कॉपी के उदाहरण भी निम्न होते हैं। जैसे - Printer हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस का सबसे अच्छा उदाहरण है।

आउटपुट डिवाइस की परिभाषा :

हम आसान भाषा में कह सकते है कि "आउटपुट डिवाइस वे डिवाइस होते हैं की जिन डिवाइसेज की माध्यम से उस परिणाम को प्राप्त किया जाता हैं उसे Output Device कहते हैं।" 
जैसे - Monitor, Printer, Projector, Earphones आदि।

आउटपुट डिवाइसेज के उदाहरण हिंदी में :

  • मॉनिटर - (Monitor)
  • प्रिंटर - (Printer)
  • प्लाटर - (Plotter)
  • प्रोजेक्टर - (Projector)
  • स्पीकर - (Speaker)
  • हेड फोन - (Head Phone)

मॉनिटर - (Monitor) :

मॉनिटर कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जो की एक आउटपुट डिवाइस होता है इस VDU (Visual Display Unit) के नाम से भी जाना जाता है। इसके बिना कंप्यूटर पर किसी भी कार्य को करना संभव ही नहीं बल्कि असंभव है। इसका कार्य यूजर द्वारा दिए गए इनपुट को प्रोसेसिंग के बाद यह प्राप्त इनफॉरमेशन को आउटपुट के रूप में डिस्प्ले करने का कार्य करता है मॉनिटर प्राप्त इनफॉरमेशन को वीडियो, ऑडियो, इमेज, टेस्ट को चित्र कार के रूप में दिखता है।

यह कंप्यूटर का सबसे ताकतवर भाग है इसके बिना आप कंप्यूटर पर कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं। दोस्तो आपको बता दें कि मॉनिटर एक समय में 256 कलर को आसानी से दिखा सकता है।

प्रिंटर - (Printer) :

दोस्तों आपको बता दें कि प्रिंटर एक ऑनलाइन आउटपुट डिवाइस है। यह एक आउटपुट डिवाइस का अच्छा उदाहरण है जो कि कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को कागज पर छापता है यह कागज पर आउटपुट की प्रतिलिपि हार्ड कॉपी कहलाती है कंप्यूटर से जानकारी का आउटपुट बहुत तेजी से प्राप्त होता है। दोस्तों आपके पास प्रिंटर तो जरूर होगा क्या आपको पता है कि इसका आविष्कार किसने किया है यह नहीं पता है तो चलिए बताते हैं।

प्रिंटर का आविष्कार चार्ल्स वैवेज द्वारा 19वीं सदी में किया गया था प्रिंटर की Quilty को DPI से मापी जाती है जिसका फुल फॉर्म (Dot Per Inch) हैं। प्रिंटर सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में परिवर्तित करता है और एवं हार्ड कॉपी से प्राप्त उसकी कॉपी की प्रिंट करता है।

प्लोटर - (Plotter) :

दोस्तों आप में से बहुत से लोगों को शायद Plotter के बारे में नहीं पता होगा। यदि नहीं पता है तो इस प्वाइंट को जरूर पढ़े। दोस्तों आपको बता दे की प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस होता है जो की प्रिंटर की तरह ही होता है लेकिन यह साधारण प्रिंटर की तरह नहीं होता है। इसका उपयोग चित्र चार्ट ग्राफ को बनाने के लिए किया जाता है और साथ ही यह High Quality के चित्रों को प्रिंट करता है। प्लॉटर का उपयोग 3D प्रिंटिंग को भी बनाने के लिए किया जाता है। 

दोस्तों आपको बता दे की प्लॉटर का आविष्कार सबसे पहले Remigton Rand के द्वारा सन 1935 ई में किया गया था इसमें Drawing बनाने के लिए Pen, Pencil, Marker आदि का उपयोग किया जाता है। ये सामान्य रूप से बड़े- बड़े आकार के पोस्टर, ग्राफ, मैप, चार्ट आदि जैसे इंजीनियरिंग डिजाइन चार्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

प्रोजेक्टर - (Projector) :

दोस्तों आप में से बहुत से लोग मूवी को देखने के लिए थिएटर या सिनेमा हॉल में तो जरूर ही गए होंगे। लेकिन क्या आपको पता है की मूवी दिखाने के लिए किस चीज का उपयोग किया जाता है यदि नहीं, तो चलिए बताते हैं। दोस्तों आपको बता दें कि प्रोजेक्टर एक आउटपुट डिवाइस है इसका उपयोग चित्र या वीडियो को एक Presentination स्क्रीन पर प्रदर्शित करके स्रोतों को दिखाने के लिए किया जाता है। यह किसी Image या Video को बड़ी सतह जैसे दीवार या पर्दे पर दिखा सकता हैं।

इसका अधिकतर उपयोग Meating, Presentation और आज कल इसका उपयोग Study में भी किया जाता हैं और साथ ही इसका उपयोग थियेटर, सिनेमा हॉल में Movie दिखाने के लिए किया जाता हैं। इस Projector का निर्माण सबसे पहले सन 1894 ई में चार्ल्स फ्रांसिस जेनकिंस ने किया था।

स्पीकर - (Speaker) :

दोस्तो स्पीकर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है जिसके द्वारा हमे आउटपुट आवाज के माध्यम से सुनाई देता है। साथ ही इसका उपयोग अधिकतर ऑडियो, वीडियो, न्यूज और FM सुनने में किया जाता हैं। स्पीकर का उपयोग कोई भी डिवाइस में छोटा होना या बड़ा होना उसके डिवाइस के आकार पर निर्भर करता है। जैसे - मोबाइल में स्पीकर बहुत होता होता है और हेडफोन में उससे भी छोटा स्पीकर होता हैं जबकि डीजे के बॉक्स में काफी बड़ा स्पीकर होता है। 

स्पीकर आउटपुट डिवाइस का एक सबसे अच्छा उदाहरण हो सकता हैं। स्पीकर के माध्यम से ही हम किसी भी आवाज को बड़ी आसानी से सुन वा समझ सकते है। जैसे- म्यूजिक, न्यूज वीडियो, आदि। 

हेड फोन - (Head Phone) :

दोस्तों आप में से बहुत से लोग हेड फोन तो जरूर ही होगा। तो चलिए हेड फोन के बारे में कुछ बताते हैं। Head Phone एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस होता है। जिसमे लाउड स्पीकर का एक जोड़ा होता हैं। जिनका उपयोग म्यूजिक सुनने के लिए वा बात करने के लिए किया जाता हैं। Head Phone एक ऐसा डिवाइस है जिसे सिर्फ लगाने वाले को ही म्यूजिक सुनाई देता है।

दोस्तो आपको बता दें की इसकी बनावट ऐसी होती है की इसे सिर के उपर बेल्ट की तरह पहना जाता हैं तथा दोनो स्पीकर मनुष्य के कान के उपर आ जाते है। किसी - किसी हेडफोन में माइक नही लगी होती हैं इसलिए उसे बात करने में उपयोग नहीं किया जा सकता हैं।

इनपुट और आउटपुट डिवाइस में अंतर - (

Input Device             Output Device 
1.इनपुट डिवाइस वह डिवाइस है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर को निर्देश देते हैं तथा डाटा या सूचनाओं को कंप्यूटर के अंदर प्रविष्ट करते है।आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस द्वारा दिए गए निर्देश को प्रोसेसिंग होने के बाद परिणाम Hard copy या Soft Copy के रूप में दिखता है।
2. इनपुट डिवाइस यूजर की भाषा को मशीनी भाषा में रूपांतरित करता है। आउटपुट डिवाइस मशीनी भाषा को यूजर की भाषा में रूपांतरित करता है।
3. इनपुट डिवाइस कंप्यूटर से डाटा को स्वीकार करते है। आउटपुट डिवाइस प्राप्त डाटा को कंप्यूटर पर दिखाने का कार्य करते हैं।
4. इनपुट डिवाइस यूजर से डाटा को प्राप्त करते है और इसे प्रोसेसर के लिए भेजते है। आउटपुट डिवाइस प्रोसेसर से डाटा को प्राप्त करते हैं और इसे यूजर के पास send करते हैं।
5. इनपुट डिवाइस यूजर द्वारा कंट्रोल किया जाता हैं। आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर द्वारा कंट्रोल किया जाता हैं। 
6. इनपुट डिवाइस के उदाहरण निम्न है - 
कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, टच स्क्रीन, लाइट पेन, माइक आदि।
आउटपुट डिवाइस के उदाहरण निम्न है- 
मॉनिटर, प्रिंटर, प्लॉटर, स्पीकर, हेड फोन आदि।

निष्कर्ष - (Cunclusion):

दोस्तो आज के इस लेख में आपको इनपुट तथा आउटपुट डिवाइस से संबधित पूरी जानकारी दी है। जैसे - Input डिवाइस क्या है, Input डिवाइस की परिभाषा, Input डिवाइस के उदाहरण और आउटपुट डिवाइस क्या है, Output डिवाइस की परिभाषा, Output डिवाइस के उदाहरण आदि सभी जानकारी को बताया है। दोस्तो मुझे पूरी आशा है कि आपको यह Article जरूर पसंद आया होगा यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे आप अपने दोस्तो और Social Media पर शेयर जरूर करें।
धन्यवाद....।

पूछे जाने वाले FAQs : 

Quest.1 ऐसा डिवाइस कौन सा है जो कि इनपुट और आउटपुट दोनों का कार्य करता है?

Ans.दोस्तों आपको बता दें कि मॉडेम एक ऐसा डिवाइस हैं जो की Input और Output डिवाइस दोनो का कार्य करता है।

Quest.2 कीबोर्ड और माउस क्या कहलाते हैं?

Ans.कीबोर्ड और माउस एक Input डिवाइस कहलाते है क्योंकि ये कंप्यूटर में Data को Inter करने का कार्य करते हैं।

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